नई दिल्ली: आज सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप मामले में बड़ा फ़ैसला सुनते हुए हाईकोर्ट द्वारा दी गई फांसी की सजा को बरकरार रखा है. फ़ैसला सुनते समय कोर्ट में निर्भया के माता-पिता भी मौजूद थे. फैसला सुनकर निर्भया की मां भावुक हो गईं और उनकी आंखों में आंसू आ गए. पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि शीर्ष अदालत के इस फैसले से उनकी बेटी को और हम सबको इंसाफ मिला है. उन्होंने कहा, 'हमारी कानून व्यवस्था थोड़ी लचर जरूर है, लेकिन आज मैं मानती हूं कि कानून में देर हैं, लेकिन अंधेर नहीं है.' वहीं, निर्भया के पिता ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला उनके परिवार के लिए जीत है. उन्होंने कहा, 'मैं शीर्ष अदालत के इस फैसले से बेहद खुश हूं.'
सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में अहम टिप्पणियां भी कीं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा-सेक्स और हिंसा की भूख के चलते बड़ी वारदात को अंजाम दिया. दोषी अपराध के प्रति आसक्त थे. जैसे अपराध हुआ, ऐसा लगता है अलग दुनिया की कहानी है. घटना की रात नाबालिग समेत सभी दोषी बस में मौजूद थे. पुलिस की जांच और डीएनए से गुनाह साबित हुआ. जजों के फैसला सुनाने के बाद कोर्ट में तालियां बजीं.
गैंगरेप के चार दोषियों मुकेश, अक्षय, पवन और विनय को साकेत की फास्ट ट्रैक कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई थी, जिस पर 14 मार्च 2014 को दिल्ली हाईकोर्ट ने भी मुहर लगा दी थी. दोषियों की अपील पर सुप्रीम कोर्ट ने फांसी की सजा पर रोक लगा दी थी. इसके बाद तीन जजों की बेंच को मामले को भेजा गया और कोर्ट ने केस में मदद के लिए दो एमिक्स क्यूरी नियुक्त किए गए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने इस संबंध में 7 सख्त टिप्पणियां कीं
- वारदात ने समाज की सामूहिक चेतना को हिला दिया
- पीड़िता के बयानों पर संदेह नहीं किया जा सकता.
- सबूत मिटाने के लिए पीड़ित और दोस्त को बाहर फेंका
- ऐसी घटना को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता
- वारदात को क्रूर और राक्षसी तरीके से अंजाम दिया गया
- अपराध अलग दुनिया की कहानी जैसा
- सेक्स और हिंसा की भूख के चलते बड़ी वारदात को अंजाम दिया
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