
योजना मंत्री राव इंद्रजीत सिंह को सौंपी गई रिपोर्ट में रंगराजन समिति ने सिफारिश की है कि शहरों में प्रतिदिन 47 रुपये से कम खर्च करने वाले व्यक्ति को गरीब की श्रेणी में रखा जाना चाहिए, जबकि तेंदुलकर समिति ने प्रति व्यक्ति प्रतिदिन 33 रुपये का पैमाना निर्धारित किया था।
रंगराजन समिति के अनुमानों के अनुसार, 2009-10 में 38.2 फीसदी आबादी गरीब थी, जो 2011-12 में घटकर 29.5 फीसदी पर आ गई। इसके उलट तेंदुलकर समिति ने कहा था कि 2009-10 में गरीबों की आबादी 29.8 प्रतिशत थी, जो 2011-12 में घटकर 21.9 फीसदी रह गई।
सितंबर, 2011 में तेंदुलकर समिति के अनुमानों की भारी आलोचना हुई थी। उस समय, इन अनुमानों के आधार पर सरकार द्वारा सुप्रीम कोर्ट में दाखिल एक हलफनामे में कहा गया था कि शहरी क्षेत्र में प्रति व्यक्ति रोजाना 33 रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में प्रति व्यक्ति रोजाना 27 रुपये खर्च करने वाले परिवारों को गरीबी रेखा से ऊपर समझा जाए।
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